Thursday, November 12, 2009

अमूल्य वचन

तीर्थंकर गुण रत्न को, गिनत पावें पार
तीन रत्न के हेतु मैं , नमूँ अनंतों बार
गणिनी ज्ञानमती माताजी
हस्तिनापुर -मेरठ ,त्तर प्रदेश -भारत

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